टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने इंडस टावर्स और भारती इंफ्राटेल के विलय को मंजूरी दे दी। इस डील के पूरे होने पर भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के लिए कंपनी में हिस्सेदारी बेचकर पैसे जुटाने के विकल्प खुलेंगे। इंडस टावर्स में अभी भारती इन्फ्राटेल और वोडाफोन समूह की 42-42% हिस्सेदारी है। इसमें वोडाफोन आइडिया की भी 11.15% हिस्सेदारी है। शेष 4.85% हिस्सेदारी प्राइवेट इक्विटी फर्म प्रॉविडेंस के पास है।
चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम टावर कंपनी होगी
इस विलय के बाद बनने वाली संयुक्त कंपनी के पास देशभर में 1,63,000 से अधिक टेलीकॉम टावर हो जाएंगे। इनका ऑपरेशन सभी 22 टेलीकॉम सेवा क्षेत्रों में हो रहा है। विलय से बनने वाली संयुक्त कंपनी चीन को छोड़ शेष विश्व की सबसे बड़ी टावर कंपनी होगी। संयुक्त कंपनी के पास भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स के कारोबार का पूर्ण स्वामित्व होगा। कंपनी का नाम बदलकर इंडस टावर्स लिमिटेड हो जाएगा और संयुक्त कंपनी घरेलू शेयर बाजारों में लिस्टिंग जारी रखेगी।
डील से वोडाफोन आइडिया 4,500 करोड़ रुपए जुटा पाएगी
वोडाफोन आइडिया इस डील से करीब 4,500 करोड़ रुपए जुटा पाएगी। इस रकम का इस्तेमाल कंपनी एजीआर बकाए का भुगतान करने में करेगी। कंपनी अब तक सरकार को 3,500 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है। कंपनी पर करीब 52,000 करोड़ रुपए का एजीआर बकाया है। भारती एयरटेल के ऊपर 35,000 करोड़ रुपए की एजीआर बकाया है। इसमें से कंपनी 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है।
चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम टावर कंपनी होगी
इस विलय के बाद बनने वाली संयुक्त कंपनी के पास देशभर में 1,63,000 से अधिक टेलीकॉम टावर हो जाएंगे। इनका ऑपरेशन सभी 22 टेलीकॉम सेवा क्षेत्रों में हो रहा है। विलय से बनने वाली संयुक्त कंपनी चीन को छोड़ शेष विश्व की सबसे बड़ी टावर कंपनी होगी। संयुक्त कंपनी के पास भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स के कारोबार का पूर्ण स्वामित्व होगा। कंपनी का नाम बदलकर इंडस टावर्स लिमिटेड हो जाएगा और संयुक्त कंपनी घरेलू शेयर बाजारों में लिस्टिंग जारी रखेगी।
डील से वोडाफोन आइडिया 4,500 करोड़ रुपए जुटा पाएगी
वोडाफोन आइडिया इस डील से करीब 4,500 करोड़ रुपए जुटा पाएगी। इस रकम का इस्तेमाल कंपनी एजीआर बकाए का भुगतान करने में करेगी। कंपनी अब तक सरकार को 3,500 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है। कंपनी पर करीब 52,000 करोड़ रुपए का एजीआर बकाया है। भारती एयरटेल के ऊपर 35,000 करोड़ रुपए की एजीआर बकाया है। इसमें से कंपनी 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है।