डील / फ्रांस का एडीपी ग्रुप 10780 करोड़ रुपए में जीएमआर के एयरपोर्ट बिजनेस की 49% हिस्सेदारी खरीदेगा
जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (जीआईएल) अपने एयरपोर्ट कारोबार की 49% हिस्सेदारी ग्रुप एडीपी को बेचेगी। यह डील 10,780 करोड़ रुपए में हुई है। इस शेयर परचेज एग्रीमेंट के लिए एडीपी ने जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड का वैल्यूएशन 22,000 करोड़ रुपए आंका है। जीएमआर ने गुरुवार रात यह जानकारी दी। जीएमआर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट और हैदराबाद एयरपोर्ट का संचालन करती है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे व्यस्त और हैदराबाद एयरपोर्ट देश का चौथा सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है। ग्रुप एडीपी पेरिस की इंटरनेशनल एयरपोर्ट ऑपरेटर कंपनी है। यह पेरिस में तीन और दुनियाभर में 26 एयरपोर्ट्स का संचालन करती है।
मैनेजमेंट कंट्रोल जीएमआर के पास रहेगा
जीएमआर ने बताया कि डील के तहत 5,248 करोड़ रुपए तुरंत मिल जाएंगे। इस राशि का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में किया जाएगा। इससे कैश फ्लो और मुनाफा बढ़ने की उम्मीद है। शेयर परचेज एग्रीमेंट की शर्तों के मुताबिक मैनेजमेंट कंट्रोल जीएमआर के पास रहेगा। बाकी अधिकार एडीपी के पास रहेंगे, साथ ही जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड और इसकी सब्सिडियरी कंपनियों के बोर्ड में भी प्रतिनिधित्व होगा।
जीएमआर और एडीपी ने पिछले साल कुल 33.65 करोड़ यात्रियों को हैंडल किया
जीएमआर के मुताबिक वह एडीपी के साथ मिलकर एयरपोर्ट डेवलपमेंट और ऑपरेशंस को नए स्तर पर ले जाएगा। यात्रियों को सबसे बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। इस डील के जरिए डेवलपमेंट के नए मौके मिलेंगे। ऑपरेशंस, रिटेल, आईटी, इनोवेशन, इंजीनियरिंग और दूसरे क्षेत्रों में  विशेषज्ञता (एक्सपरटाइज) बढ़ेगी। 2019 में जीएमआर और ग्रुप एडीपी ने कुल 33.65 करोड़ यात्रियों को हैंडल किया था। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है।
जीएमआर को पिछले ऑफर के मुकाबले 22% ज्यादा वैल्यूएशन मिला
जीएमआर ने पिछले साल एयरपोर्ट बिजनेस के 44.44% शेयर टाटा ग्रुप की लीडरशिप वाले कंसोर्शियम को 8,500 करोड़ रुपए में बेचने की डील की थी। लेकिन, सफल नहीं हो पाई क्योंकि भारतीय एयरलाइन में हिस्सेदार कंपनी किसी स्थानीय एयरपोर्ट में 10% से ज्यादा शेयर नहीं रख सकती। टाटा सन्स के पास विस्तारा और एयरएशिया इंडिया की करीब 50% हिस्सेदारी है। जीएमआर से प्रस्तावित डील के तहत टाटा सन्स के पास जीएमआर के एयरपोर्ट बिजनेस की कुल 20% और दिल्ली एयरपोर्ट की 12.8% हिस्सेदारी हो जाती। एडीपी के साथ डील से एजीआर फायदे में रहा है। जीएमआर के लिए टाटा ग्रुप की लीडरशिप वाले कंसोर्शियम का वैल्यूएशन एडीपी के जीएमआर के लिए वैल्यूएशन (22,000 करोड़ रुपए) से 22% कम था।

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