संकटग्रस्त यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप ने न्यूयॉर्क के सेरबेरस कैपिटल मैनेजमेंट एलपी के साथ हाथ मिलाया है। दोनों मिलकर बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगा सकते हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दोनों पक्षों के अधिकारी इस संबंध में रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श कर चुके हैं। कंसोर्टियम को लेकर बातचीत जारी है। इसमें और निवेशक भी जुड़ सकते हैं। यह कन्सोर्टियम किसी बोली के खिलाफ क्या निर्णय करना है यह भी तय करेगा। नकदी के संकट से जूझ रहा यस बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है। यह पिछले साल से फंड जुटाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन वह नाकाम रहा है। बीते एक साल में बैंक के शेयर 80% तक नीचे आ चुके हैं।
निवेशकों को लाने को कोशिश लंबे समय से
बैंक ने 12 फरवरी को कहा था उसे चार निवेशकों से नॉन-बाइडिंग एक्सप्रेशन मिले हैं। इनमें जेसी फ्लावर्स, टिलडेन पार्क कैपिटल मैनेजमेंट, ओएचए, यूके (ओक हिल एडवाइजर्स का हिस्सा) और सिल्वर पॉइंट कैपिटल ने दिलचस्पी दिखाई है। जबकि एक निवेशक ने कहा था, इनका वैल्युएशन मार्केट प्राइस से बहुत कम है। इससे बैंक की एसेट क्वालिटी सही झलक नहीं मिलती है। है। इसलिए इसमें हमारी इस पेशकश में कोई रुचि नहीं है। हाल में यस बैंक ने कहा था, उसे दिसंबर तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करने में देर होगी। बैंक का प्रबंधन इस समय फंड जुटाने की प्रक्रिया में व्यस्त है। तीसरी तिमाही के परिणाम मार्च मध्य तक आने की उम्मीद है।
यस बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है। यह फंड जुटाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। इससे पहले 6 फरवरी को बैंक ने कहा था फंड जुटाने के लिए उसने अंशु जैन को नियुक्त किया है। अंशु जैन, डॉयचे बैंक के पूर्व को-सीईओ हैं। फिलहाल वे इन्वेस्टमेंट बैंक और ब्रोकरेज फर्म कैन्टॉर फिट्जगेराल्ड के प्रेसिडेंट हैं। यह 85 साल पुरानी ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी है। अमेरिका, यूरोप, मध्य एशिया और एशिया-प्रशांत में इसके 32 ऑफिस हैं।
1.11 लाख करोड़ रुपए है हिंदुजा बंधुओं की संपत्ति
लंदन मुख्यालय वाले हिंदुजा ग्रुप की कमान श्रीचंद हिंदुजा, गोपीचंद हिंदुजा, प्रकाश हिंदुजा और अशोक हिंदुजा के हाथों में है। फोर्ब्स के मुताबिक हिंदुजा बंधुओं की कुल संपत्ति 1,580 करोड़ डॉलर (करीब 1.12 लाख करोड़ रुपए) है। इनके समूह का कारोबार पांचों महाद्वीपों में फैला है। वहीं, सेरबेरस दबाव वाली संपत्तियों (डिस्ट्रेस्ड एसेट्स) में निवेश करने वाली कंपनी है। इसका पोर्टफोलियो 5,000 करोड़ डॉलर (करीब 3.55 लाख करोड़ रुपए) का है। हालांकि इसे भारत में आए एक साल ही साल हुआ है। इसका नेतृत्व लीमैन बदर्स के पूर्व एग्जीक्यूटिव और इन्वेस्टमेंट बैंकर इंद्रनील घोष के हाथों में हैं।